https://ehapuruday.com/पास-नहीं-होती-हो-फिर-भी-लगत/
पास नहीं होती हो फिर भी, लगती बहुत हो पास मेरे। पावन गंगा सी लगती हो, हैं पाक़ीज़ा एहसास तेरे। जिस दिल से करते याद तुम्हें, उसकी धड़कन सी लगती हो