https://hamaraghaziabad.com/167312/
दिल्ली दंगों का एक साल:’मेरी दुकान में कभी दस लड़के काम किया करते थे, आज ये हालात हैं कि मैं खुद उधार मांग-मांग कर किसी तरह गुजारा कर रहा हूं’